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नाव पलटी,दर्जनों मरें....कौन है ऐसे हादसों के लिये जिम्मेदार

यह एक मानवीय प्रवृति बन गई है कि देर से पहुंचे...बस में चढऩा है तो दौड़ के चढ़े, ट्रेन में चढऩा हो तो यहां भी दौड़ लगाये.-प्लेन मिस हो जाये तो सर पर हाथ पकड़कर बैठ जाओं...कभी लाइन में खड़े रहकर सब्र करने की जगह एक दूसरे को धक्का देकर आगे बढऩे की कोशिश में तो कभी कभी बहुत कुछ हो जाता है. यह सब कई सालों से होता आ रहा है इस चक्कर में कइयों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. शनिवार को बिहार की राजधानी पटना में मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर आयोजित पतंग उत्सव में भाग लेकर लौट रही एक नाव गंगा नदी में डूब गई. रविवार की सुबह और दोपहर तक शवों को नदी से निकालने का सिलसिला चलता रहा. कम से कम दो दर्जन से ज्यादा लोग मारे गये. सिर्फ किसी की जिद और किसी की दादागिरी और किसी की लापरवाही के कारण. नाव में जबरन ज्यादा लोग घुस आये थे. नाविक बार बार गिड़गिड़ाता रहा कि ज्यादा लोग चढ़ जाओंगे तो नाव पलट जायेगी लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी और नाव में इतने लोग चढ़ गये कि वह बजन को झेल नहीं सका और नाव पलट गई.नेता दुख जता रहे हैं-प्रशासन अब किसी पर जिम्मेदारी थोपने की कोशिश कर रहा है तथा संपूर्ण मामले की लीपापोती

भ्रष्ट आचरण पर सरकार का कठोर जवाब?

अब तक आम लोगों में एक धारणा रही है कि सरकार की सेवा में रहने वाले आईएएस, आईपीएस,आईएफएस का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता लेकिन अब इस धारणा के खत्म होने का संकेत है.भ्रष्ट आचरण के एक मामले में लिप्त छत्तीसगढ़ के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. अठारह साल पहले जांजगीर के बाराद्वार में हुई पैसठ लाख रूपये की डकैती के एक मामले में छत्तीसगढ़ होमगार्ड आईजी राजकुमार देवांगन पर संलिप्तता के आरोप हैं.इस डकैती के समय देवांगन एसपी थे. उनपर लगे आरोपों के बाद सरकार ने पहले उनपर विभागीय कार्यवाही चलाई थी बाद में उन्हें न केवल वापस लिया गया बल्कि पदोन्नत भी कर दिया.प्रधानमंंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सीसीए कमेटी ने उनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया,इसके बाद राज्य सरकार ने उस आदेश का परिपालन कर नौकरी से बाहर कर दिया. सरकार की तरफ से ऐसा अक्सर होता आया है लेकिन देश की एक प्रमुख सेवा से जुड़े इतने बड़े अफसर पर कार्रवाही का मामला इसलिये महत्वपूर्ण हो गया है कि इसका संदेश अन्य ऐसे लोगों के लिये भी यह चेतावनी की तरह है.उक्त अधिकारी के बारे में जो टिप्पणी जांचकर्ताओं ने की है वह भ