'तो के बगैर अब कुछ नहीं, यह अब सरकारी मदद और काम का हिस्सा बना!


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मां बव्चे से कहती है -गिलास भर दूध पियोगे 'तोÓ तुम्हे घूमने ले जाएंगे खिलौने लेकर देंगे..यही 'तोÓ अब रोजमर्रे की जिंदगी का 'तोÓ बन गया है-इसका महत्व इतना बढ़ गया है कि अब इसके बगैर कोई काम नहीं होता. काम चाहिये तो पैसा, पैसा कमाना हो तो काम,जमानत चाहिये तो पैसा, शादी करना हो तो दहेज,मरना हो तो लकड़ी या कब्र... और न जाने क्या क्या? सबसे मजेदार बात तो यह कि अब सरकार भी तो-तो करने लगी है.हाल ही सरकार ने एक पहल की उसमें भी उसने तो लगा दिया-यह पहल थी Óयादा से Óयादा लोगों को रोजगार देने की..सरकार ने नियोजकों पर शर्त लगा दी कि अगर आप अपने संस्थान में Óयादा से Óयादा लोगों को रोजगार देंंगे तो आपको इंकम टैक्स में छूट दी जायेगी. यह तो कुछ दिन जारी रहेगा फिर खत्म हो जायेगी. असल में यह सरकार की योजना का हिस्सा है जिसमें उसने घोषणा की थी कि हम Óयादा से Óयादा बेरोजगारों को नौकरी पर लगायेंंगे, सरकार ने  बहुत प्रतीक्षा की लेकिन Óयादा लोग नौकरी पर नहीं लग सके तो फिर एक स्कीम तैयार की गई जिसमें उसने तो लगा दिया- इंक म टैक्स में छूट चाहिये तो Óयादा लोगों को नौकरी पर लगाओं. बहरहाल यह योजना सफल होगी या नहीं यह तो आगे पता चलेगा जब इंकम टैक्स में छूट पाने के कारण कई लोगों को रोजगार मिलेगा. दूसरा 'तोÓ फिर आज आ गया-घर में सोलर रोशनी चाहिये 'तोÓ संपत्ति कर में राहत मिलेगी. हर जगह यह तो क्यों लग रहा है!. वैसे ही हम तो से परेशान है अब तो की बाढ़ आ गई. एक के बाद एक टैक्स लोगों की बाध्यता बढ़ा रही है. वहीं अगर उनकी सुविधाओं में बिना तो लगाये बढ़ौत्तरी की जाती तो देश खुशहाल होता.अब हर तो के पीछे पैसा कमाई एक महत्वपूर्ण मुद्दा हो गया है जिसमें आम आदमी का पसीना निकल रहा है. मेहनत कर कुछ कमाने के लिये 'तोÓ की भूमिका के बगैर आगे बढऩा मुश्किल होता जा रहा है. हम यह कहकर सरकार को नहीं कोस रहे बल्कि इस तो के पीछे छिपे अन्य तो के बारे में बताने का प्रयास कर रहे हैं जो आम जन जीवन के लिये वर्तमान परिस्थितियों में किसी प्रकार आसान नहीं है. सरकारी योजनाओं में बहुत सी योजनाएं शामिल होती है अगर कारपोरेट टैक्स में छूट लेकर Óयादा से Óयादा लोगों को नौकरी पर लगाएं तो यह कई परिवारों की जिंदगी सवार देगा उसी प्रकार घर में सोलर रोशनी हो तो इससे अ'छी बात और क्या हो सकती है, अ'छी बात यह भी है कि इस योजना को कमर्शियल काम्पलेक्स और बड़े भवनों के लिये अनिवार्य किया गया है इससे बिजली की खपत कम होगी तथा लोग प्राकृतिक बिजली के साथ-साथ कृत्रिम बिजली का भी Óयादा से Óयादा उपभोग कर सकेंगे.

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