एक तरफ जंगली जानवर दूसरी तरफ नक्सली, दोनों इंसान की खून के प्यासे!





वैसे इस बार मानसून के पहुंचने में देरी नजरआ रही है लेकिन बारिश के दौरान हर मामले में एहतियात बरतनी जरूरी है विशेषकर मनुष्य के स्वास्थ्य और उनकी जगंली जानवरों व कीड़े -मकोड़े से रक्षा. प्रदेश  में दो महीने के अंदर  जंगली जानवरों के हमले से पन्द्रह से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.अब आगे आने  वाले समय में एक दूसरी समस्या- सांपों के काटने से हो सकती है. सांप काटने से पीड़ित व्यक्ति के इलाज का क्या एहतियाती प्रबंध सरकार की तरफ से किया गया है यह तो पता नहीं चला लेकिन इस समय एक नजर में छत्तीसगढ़  को देखा जाये तो आम आदमी कहीं भी न सुरक्षित है और न उसे कहीं चैन से जीने दिया जा रहा है.अगर इधर बस्तर तरफ जाओ तो वहां नक्सलवादियों की धूम है वे किसी को चैन  की सांस लेने नहीं दे रहे हैं. सरकार राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान व गला रेतकर हत्या करने वालों के प्रति नरम दिखाई देती है.दूसरी और  कोरबा, जशपुर,रायगढ़,सरगुजा, बिलासपुर और कांकेर में हाथी, भालू, तेन्दुए नक्सलवादियों की भूमिका अदा कर रहे हैं. हाथियों के लिये कोरीडोर जैसी बाते सिर्फ सपना बनकर रह गई है.अप्रैल-मई दो महीने के दौरान वन्य जीवो के हमले से पन्द्रह लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.भालू तेन्दुए, हाथी सब सक्रिय हैं यह न केवल इंसानों का वध कर रहे हैं बल्कि भारी मात्रा में पशुओं को भी अपना शिकार बना रहे हैं.जंगली जानवरों की शहर तरफ दौड़ के पीछे कारण यही गिनाया जा सकता  है कि मनुष्य ने उनके इलाके में भारी दखल अंदाजी कर ली है. कहीं लकड़ी काटने के नाम से तो कभी खदान बनाने सिंचाई के साधन स्थापित करने व जंगली पशुओं की गिनती आदि के नाम पर भारी मात्रा में जंगल के भीतर दखलदांजी ने अब जंगली जानवरों को भी यह सोचने विवश कर दिया है कि क्यों ने अब हम शहरी इलाके पर कब्जा कर लें? महुएं की सुगन्ध, प्यास भी कारण  है जो  जंगली जानवरों को जंगल से शहर  की और दौड़ने मजबूर करती है. इस समय ज्यादातर  परेशानी हाथियों से है जो लोगों की जान लेने के साथ संपत्ति को भी नुकसान  पहुंचा रहे हैं. भालू, तेन्दुए के हमलों की खबर भी बराबर आ रही है.कई क्षेत्रों में अभी बरसात शुरू होने के बाद सांप बिलो से निकलकर आयेंगे और हमले शुरू हो जायेंगे. सीधे -सीधे कहा जाये तो छत्तीसगढ़ में  एक तरफ जानवर तो दूसरी तरफ नक्सली दोनों घात लगायें बैठे हैं कि कब मौका मिले और वार करें?

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ANTONY JOSEPH'S FAMILY INDX

बैठक के बाद फिर बैठक लेकिन नतीजा शून्‍य

छेडछाड की बलि चढ़ी नेहा-