सेना ने उत्साह तो भरा युवाओं में !

रायपुर दिनांक 25 अक्टूबर 2010
वो जज्बा अनुशासन पहले था अभी नहीं,
लेकिन सेना ने उत्साह तो भरा युवाओं में !
आजादी के बाद के वर्षो में चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश तीनों पड़ोसी राष्ट्रों से हमारा किसी न किसी मुद्दे को लेकर युद्व हुआ है। उस दौरान जो युवा थे। आज बुजॢगयत की ओर बढ़ रहे हैं। उस समय और अब में काफी परिवर्तन देखा जा रहा हैं। युवाओं में अनुशासनहीनता, समय का पाबंद न होना और अन्य अनेक किस्म की कमजोरियां घर कर गई है। देर से सोकर उठना और अपनी दिनचर्या को शुरू करने में अच्छा खासा आलस- यह सब देखने मिलता है। यहां तक कि जब तक साहबजादे के बिस्तर पर चाय न पहुंच पाये उठते ही नहीं। लड़कियां भी इस मामले में पीछे नहीं है। आपने कभी सोचा है- इन सबके पीछे कारण क्या है? हम जहां तक इसका आंकलन करते हैं- वह यह कि युवाओं को व्यवस्थित नहीं किया जा रहा। उन्हें किसी भी रूप में अनुशासन का पाठ नहीं डढ़़ाया जा रहा। युद्व के दौरान स्कूल और कॉलेजों में एनसीसी को कम्पलसरी कर दिया गया। इससे एक बात अच्छी हुई कि उस समय के युवा न केवल मेनर्स सीख गये, बल्कि उनमें अनुशासन और जीवन जीने की कला भी आ गई। समय पर उठना, समय पर खाना-पीना और अन्य अनेक दिनचर्या के क्रियाकलापों को एनसीसी के माध्यम से कू टकूट कर भर दिया गया। आज भी आप देख सकते हैं कि एनसीसी में अर्ध सैन्य प्रशिक्षण लेने व अन्य युवाओं की तुलना करने से दोनों के बीच काफी अंतर नजर आता है। अभी स्कूल कॉलेजो में एनसीसी कम्पलसरी नहीं हैं। किंतु हम इस बात का पुरजोर समर्थन करते हैं कि स्कूल और कॉलेज में युवाओं के लिये एनसीसी को अनिवार्य कर दिया जाना चाहिये। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उच्च शिक्षा लेने के बाद कम से कम दो साल की सैनिक शिक्षा हर युवा को नौकरी के लिये अनिवार्य घोषित किया जाना चाहिये। छत्तीसगढ़ के युवा विशेषकर राजधानी रायपुर के युवा सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें हाल के दिनों में भारतीय स्थल और वायु सेना के बारे में जानकारी लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वरना यह अंचल तो इस मामले में वर्षो से शून्य रहा है। रायपुर के पुलिस परेड मैदान में सेना ने अत्याधुनिक हथियारों के अलावा ब्रह्मोस का डिमांस्ट्रेशन किया। थल व वायुसेना के जवानों द्वारा मोटर सायकिल डिस्प्ले, जंप, घुड़सवारी आदि के साहसिक कारनामों को देख युवाओं में जरूर सेना में भर्ती का लालच बढ़ा है। भारतीय वायुसेना की ओर से भी जवानों ने स्काय ड्रायविंग,हाट एयर, बैलुनिंग, पॉवर स्लाइङ्क्षडगं , माइक्रोलाइट डिस्पले, मौस मिलेट्री डिस्प्ले का बखूब प्रदर्शन कर युवाओं में वायुसेना में शमिल होने के प्रति दिलचस्पी पैदा की है। अगला आने वाला समय छत्तीसगढ़ के युवाओं का है। ज्यादा से ज्यादा युवा सेना में भर्ती होकर राज्य का नाम रौशन कर सकेंगे। राज्य सरकार को चाहिये कि इस अंचल में भारतीय सेना की टुकडियां स्थापति करने की दिशा में पहल करें। ताकि यहां इनके कार्यो को देख युवा ज्यादा से ज्यादा सेना की ओर आकर्षित हों। सेना अब छत्तीसगढ़ उड़ीसा में नेशनल काउंटर ट्रेररिस्ट कैम्प खोलने की पहल कर रही है। इसके लिये मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सारी मदद देने के लिये तायार है। यह एक अच्छी बात है कि मुख्यमंत्री की सेना के प्रति विशेष दिलचस्पी है। वे शुरू से छत्तीसगढ़ में सेना की टुकड़ी की वकालत करते रहे हैं। युवाओं को इसका फायदा उठाना चाहिये। छत्तीसगढ़ सरकार को चाहिये कि इस समय जिन स्कूल और कॉलेज में एनसीसी का प्रशिक्षण नहीं दिया जाता। वहां केन्द्र सरकार पर दबाव डालकर एनसीसी केन्द्र खुलवाये। ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा अनुशासन का बुनियादी पाठ सीख सके ।

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